LIVE- जिंदगी की जंग हार गई सृष्टि, 300 फीट गहरे बोरवेल से तीन दिन बाद निकाल पाई थी रोबोट टीम

तीन दिन पहलेमध्यप्रदेश के सीहोर में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी ढाई साल की बच्ची सृष्टि को तीसरे दिन रेस्क्यू कर लिया गया है. उसे बोरवेल से निकालने में रोबोट टीम ने बड़ी भूमिका निभाई है. रेस्क्यू करने के बाद उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया है.

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तीन दिन पहलेमध्यप्रदेश के सीहोर में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी ढाई साल की बच्ची सृष्टि को तीसरे दिन रेस्क्यू कर लिया गया है. उसे बोरवेल से निकालने में रोबोट टीम ने बड़ी भूमिका निभाई है. रेस्क्यू करने के बाद उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया है.

बुधवार से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच गुरुवार सुबह रोबोटिक एक्सपर्ट की टीम मौके पर पहुंची थी. 100 फीट अंदर फंसे होने के कारण बच्ची को सांस लेने में परेशानी हो रही थी, इसके बादउसे पिछले तीन दिनों से पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई गई.

बच्ची को निकालने का काम तब और कठिन हो गया था, जब वह 20 फीट से फिसलकर 100 फीट नीचे चली गई थी.उसे बचाने के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें दिन रात अभियान में जुटे हुए थे.

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान गुरुवार कोअचानक तेज आंधी के साथ ही हवाएं चलने लगी थीं. हल्की बारिश भी हुई. इन सबके कारण रेस्क्यू में रुकावट पैदा हो रही थी. हालांकि, रोबेटिक टीम ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ मिलकरबच्ची को गुरुवार शाम बाहर निकाल लिया.

दरअसल, सीहोर के मुंगावली में मंगलवार को ढाई साल की सृष्टि खेलते समय खेत में बने बोरवेल में बच्ची सृष्टि गिर गई थी. तब वह 20 फीट की गहराई पर फंसी थी. लेकिन वह खिसकते-खिसकते 100 फीट की गहराई तक पहुंच गई. सेना के जवानों ने बुधवार को बोरवेल में रॉड डालकर बच्ची को निकालने की कोशिश की. इससे बच्ची को 10 फीट तक निकाल लिया गया था, लेकिन अचानक बच्ची के कपड़े फट जाने से वह फिर नीचे चली गई.

बोरवेल के समानांतर की गई खुदाई

जानकारी के मुताबिक, जिस इलाके में बच्ची बोरबेल में गिरी थी, वह पथरीला इलाका था. जिसके कारण रेस्क्यू टीम को बच्ची तक पहुंचने में समय लगा. मौके पर एसडीआरएफ, NDRF सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा था. दिल्ली से इमरजेंसी बोरवेल रेस्क्यू के लिए रोबोटिक टीम भी मौके पर पहुंची थी. बोरवेल में फंसी सृष्टि को रोबोट से रेक्स्यू किया गया.

मशीनों के कंपन के चलते और नीचे फंसी बच्ची

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया था कि बच्ची पहले बोरवेल में करीब 20 फीट की गहराई में फंसी थी, लेकिन बचाव कार्य में लगी मशीनों के कंपन के कारण वह और नीचे खिसक कर करीब 100 फीट नीचे पहुंच गई, जिससे काम और मुश्किल हो गया. शिवराज सिंह और अधिकारियों की टीम बचाव अभियान की निगरानी कर रही थी. वे जिले के अधिकारियों के साथ भी संपर्क में थे.

सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर घटना स्थल पहुंचीं

भोपाल लोकसभा क्षेत्र की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शाम को घटनास्थल पर पहुंचीं. उन्होंने रेस्क्यू टीम और अधिकारियों से चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए. उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए बयान दिया कि यही प्रार्थना है कि बच्ची स्वास्थ्य बाहर निकल सके. यह बड़ी लापरवाही है. आरोपी को दंड मिलना चाहिए है. जो भी खुले बोर है उन्हे बंद किया जाएगा.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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